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राजनीतिसंयुक्त राज्य अमेरिका

पन्नू की हत्या की साजिश में भारत की भूमिका पर नया खुलासा

३० अप्रैल २०२४

अमेरिका ने कहा है कि कनाडा और अमेरिका में लोगों की हत्याओं की साजिश में भारत की जासूसी एजेंसियों की भूमिका एक गंभीर विषय है. वॉशिंगटन पोस्ट ने इस बारे में नया खुलासा किया है.

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कनाडा में खालिस्तान समर्थक
कनाडा और अमेरिका में खालिस्तान समर्थक आक्रामक आंदोलन छेड़े हुए हैंतस्वीर: Ines Pohl/DW

अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट की खबर पर प्रतिक्रिया में व्हाइट हाउस ने कहा कि कनाडा में एक नागरिक की हत्या और अमेरिका में एक नागरिक की हत्या की साजिश रचने में भारतीय जासूसी एजेंसियों का हाथ होने की खबरें एक गंभीर मामला है.

वॉशिंगटन पोस्ट ने सोमवार को खबर छापी थी कि अमेरिकी नागरिक और खालिस्तान समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश में और कनाडा में पिछले साल हुई एक सिख नेता हरदीप सिंह निज्जरकी हत्या में भारतीय जासूसी एजेंसी का एक अफसर सीधे तौर पर शामिल था.

व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कैरिन ज्याँ-पिएरे ने मीडिया से बातचीत में कहा, "यह एक गंभीर मामला है और हमें इसे बहुत ज्यादा गंभीरता से ले रहे हैं. हम अपनी चिंताएं जाहिर करते रहेंगे.”

वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में विक्रम यादव नाम के एक भारतीय अफसर का नाम लिखा है. रिपोर्ट कहती है, "अमेरिकी आरोप पत्र के मुताबिक यादव ने सिख कार्यकर्ता गुरपतवंत सिंह पन्नू की जानकारियां साझा की थीं, जिनमें न्यूयॉर्क के घर का पता भी शामिल था. यादव ने लिखा कि जैसे ही संभावित हत्यारे इस बात की पुष्टि कर देंगे कि पन्नू घर पर है, हमारी तरफ से आगे बढ़ने की इजाजत मिल जाएगी.”

भारत सरकार ने इस रिपोर्ट को “बेबुनियाद और एक गंभीर मामले के साथ निराधार छेड़छाड़” बताया. रिपोर्ट प्रकाशित होने के एक दिन बाद भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “अमेरिकी सरकार के संगठित अपराधियों, आतंकवादियों और अन्य तत्वों के गिरोहों पर जताई गई सुरक्षा चिंताओं के बारे में भारत सरकार द्वारा गठित एक उच्च स्तरीय समिति जांच कर रही है. इस पर अटकलें और गैरजिम्मेदाराना टिप्पणियां उचित नहीं हैं.”

रॉ के अधिकारियों के नाम

यादव की पहचान अब तक सार्वजनिक नहीं की गई थी. अखबार लिखता है, "यादव की पहचान और संबंध इस बात का पक्का सबूत है कि हत्या की साजिश भारत की जासूसी एजेंसियों के अंदर से ही रची गई थी. सीआईए, एफबीआई और अन्य एजेंसियों ने इस मामले में विस्तृत जांच की है और मोदी के करीबियों से संभावित संपर्कों का नक्शा बनाया है. पश्चिमी सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक रॉ के उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों को भी मामले में नामित किया गया है.”

अमेरिकी अधिकारियोंने पिछले साल नवंबर में आरोप लगाया था कि खालिस्तान समर्थक अमेरिकी नागरिक गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की विफल साजिश के पीछे भारतीय अधिकारी काम कर रहा था.

भारत ने इस मामले में अपनी जांच के बाद कहा था कि जो व्यक्ति इस घटना में शामिल था, वह भारतीय जासूसी एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के लिए अब काम नहीं करता है.

इससे पहले पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोप पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि यह "चिंता का विषय" और "भारत सरकार की नीति के विपरीत" है.

खालिस्तान समर्थक पन्नू

अमेरिका में रह कर पन्नू सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) नाम का संगठन चलाता है. यह संगठन सिखों के लिए अलग खालिस्तान की मांग करता है. इसे 2007 में अमेरिका में स्थापित किया गया था. इसका संस्थापक पन्नू ही है. पन्नू ने पंजाब यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की है और फिलहाल अमेरिका में वकालत कर रहा है. वह एसएफजे का कानूनी सलाहकार भी है.

पन्नू की हत्या की कथित साजिश का खुलासा नवंबर में उस समय हुआ था जब कनाडा ने दो महीने पहले आरोप लगाया था कि उसके पास सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की जून में हत्या में भारत सरकार के शामिल होने के पक्के संकेत हैं.

कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया राज्य के सरी में हरदीप सिंह निज्जर की एक गुरुद्वारे के सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. भारत सरकार निज्जर को आतंकवादी मानती थी और उन्हें उग्रवादी अलगाववादी संगठन का नेता बताती है. हालांकि निज्जर के समर्थक इसे सरासर गलत बताते हैं.

विवेक कुमार (रॉयटर्स)

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